Sunday, April 16, 2017

अपनों की अनदेखी के शिकार वृद्ध-पिता का सच्चा उदाहरण

*अपनों की अनदेखी के शिकार वृद्ध-पिता का सच्चा उदाहरण*

एक पिता के 4 बेटे। बड़े बेटे को किशोरावस्था में ही खेती के काम पर लगा दिया। घर-परिवार की समस्त जिम्मेदारी उसके माथे मढ़ दी गयी। उसे पता ही नहीं चला वह कब युवा से अधेड़ हो गया? उसकी आँखे तब खुली जब उसके तीनों छोटे भाई अफसर बनकर पिता की जमीन बंटाने को तत्पर हो गए। पिता ने अफसरों की बात का खुलकर समर्थन किया। बड़े बेटे के बच्चे विवाह योग्य हो गए। उसकी जिंदगी के 40 साल सम्पूर्ण परिवार की देखभाल और छोटे भाइयों को पढ़ाने में निकल गयी। बचत के नाम पर उसके पास कुछ नहीं। इसके विपरीत तीनों छोटे भाई शराब, कबाब के साथ महंगी कारों पर सवार। तीनों के पास बैंक बैलेंस और शहरों में मकान या प्लाट। जिनमें बड़े भाई का कोई हिस्सा नहीं। बड़ा भाई को चौथे हिस्से की जमीन देकर अलग कर दिया गया। पिता ने अपने 3 अफसर बेटों के अहंकार में बड़े बेटे के साथ हुए अन्याय के बारे में तनिक भी नहीं सोचा। बड़े बेटे को अपने बच्चों को पढ़ाने और विवाह करने में अपने हिस्से की जमीन बेचनी पड़ गयी। जिसे भी उसी के अफसर भाइयों ने खरीद लिया। तीनों भाइयों ने गाँव और शहरों में अपने-अपने शानदार मकान बना लिए। जबकि उनका बड़ा भाई अभी भी पिता से मिले कच्चे घर में गुजरा करने को विवश है।
वर्तमान हालात :-------अब उनका पिता 88 वर्ष का हो चुका है और उसका पैर टूट गया। तीनों अफसरों की मेमसाब पत्नियां वृद्ध ससुर की सेवा करने को बिलकुल भी सहमत नहीं। बेटों को नौकरी से फुर्सत नहीं। खुद पिता अफसर बेटों के साथ शहरों में जाकर कमरे में कैद होने को तैयार नहीं। गाँव में पिता के अन्याय, गरीबी, जिम्मेदारी और मंहगाई की मार झेल रहा बड़ा बेटा खून की घूँट पीकर भी पिता की सेवा तो करना चाहता है, लेकिन इलाज और संसाधनों के लिए रुपये नहीं। तीनों बेटे अपनी मस्ती में मस्त हैं। उन्हें पिता की अब कोई जरूरत नहीं। गाँव के लोग तीनों अफसरों के कर्ज और उनके बड़े ओहदे के कारण सबकुछ जानकार भी चुप हैं।
सवाल :-
1-वृद्ध पिता क्या अपने बड़े बेटे के साथ किये अन्याय से मुक्त हो सकता है?
2-क्या वृद्ध-पिता अपने वर्तमान हालातों के लिए खुद जिम्मेदार नहीं?
3-वर्तमान में जो पिता अपने बेटों के साथ विभेद कर रहे हैं, कल को उनको भी यही सब सहना नहीं पड़ सकता है?
4-बड़े भाई के लिए रिश्तों और समाज की भूमिका और महत्ता क्या है?
5-इस प्रकार के हालात और अन्याय के शिकार व्यथित पक्षकार परिजनों को न्याय कैसे मिले?
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'9875066111, 160417

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